bhutiya haveli | भूतिया हवेली | creepy night | A mansion |
Haunted Mansion
bhutiya haveli |
यह कहानी है राजस्थान के छोटे से गांव अनोप नगर की है ।
सुबह का समय सभी लोग अपने दिनचर्या में व्यस्त है और सभी लोग शाम होने से पहले ही अपने घर में आ जाते है क्युकी इस गांव के बीचों बीच एक हवेली है जिसे सब भूतिया हवेली (bhutiya haveli) कहते है।
सब का यही मानना है कि यहां बहुत सारी आत्माए रहती शाम होते ही इस भूतिया हवेली ( bhutiya haveli ) से बच्चे के रोने की आवाज आती है
और एक मां जो अपने बच्चे को चुप कराती है तो आधी रात होते ही दर्दनाक चीखें चिल्लाने की की आवाज हमे बचाओ इस आग से और ऐसा हर दिन होता यह बच्चे की रोने की आवाज और आग से बचाओ यह आवाजे रोज सुनाई देती ।
कोई कहता है दो आत्माए देखी तो कोई कहता है नही पांच आत्माए है सब एक- एक कर के भूतिया कहानी। ( bhutiya kahani ) बताने लगे ।
कोई कहता है दो आत्माए देखी तो कोई कहता है नही पांच आत्माए है सब एक- एक कर के भूतिया कहानी। ( bhutiya kahani ) बताने लगे ।
इसीलिए सब फैसला करते शाम होते ही भूतिया हवेली
( bhutiya haveli ) के पास से कोई नहीं गुजरेगा यहां के मुखिया ने यही फैसला लिया की कुछ लोगो ने वहा आत्माए देखी है और हम नहीं चाहते की वो हमे नुकसान पहुंचाए तो हमे अपना बचाओ खुद करना होगा ।
एक बुजुर्ग बाबा बैठक से उठ के बताते है
उस हवेली में दो नही पांच नही ,पूरे 7 आत्माएं है उस भूतिया हवेली में कई सालों पहले एक परिवार उसमे आग लगने के से मर गए थे ।
कैसे वो आग लगी या किसने वह आग लगाया कुछ पता नही चला उस भूतिया हवेली ( bhutiya haveli ) का एक व्यक्ति बचा और वह भी पागल बन के घूम रहा है वह हवेली जल के पूरी तरह काली हो गई तब से यह भूतिया हवेली की कहानी सुन के
सभी लोग यही फैसला लेते है हम शाम होते वहा कोई नहीं जायेगा सभी लोग उस बुजुर्ग बाबा की बात मानते है।
( bhutiya haveli ) के पास से कोई नहीं गुजरेगा यहां के मुखिया ने यही फैसला लिया की कुछ लोगो ने वहा आत्माए देखी है और हम नहीं चाहते की वो हमे नुकसान पहुंचाए तो हमे अपना बचाओ खुद करना होगा ।
एक बुजुर्ग बाबा बैठक से उठ के बताते है
उस हवेली में दो नही पांच नही ,पूरे 7 आत्माएं है उस भूतिया हवेली में कई सालों पहले एक परिवार उसमे आग लगने के से मर गए थे ।
कैसे वो आग लगी या किसने वह आग लगाया कुछ पता नही चला उस भूतिया हवेली ( bhutiya haveli ) का एक व्यक्ति बचा और वह भी पागल बन के घूम रहा है वह हवेली जल के पूरी तरह काली हो गई तब से यह भूतिया हवेली की कहानी सुन के
सभी लोग यही फैसला लेते है हम शाम होते वहा कोई नहीं जायेगा सभी लोग उस बुजुर्ग बाबा की बात मानते है।
ऐसे ही इस गांव में चलता रहा मगर कुछ समय बाद
एक किसान देर रात से अपनी खेती के रखवाली कर रहा था क्युकी उसके खेत में काफी चोरी हो रही थी
तो जब वह वहा से गुजरता है तो उससे काफी देर हो जाती है और वह सोचता है हवेली के रास्ते से चला जाता हु मगर शायद यह उसका काफी गलत फैसला था वह जैसे आगे बढ़ता चार डाकू उसे लूट के मार देते है और गांव में अफवा फैलाते है की यह काम उस भूतिया हवेली के आत्माओं का है इससे उस भूतिया हवेली का खौफ और बढ़ जाता है
और यह चार डाकू सोचते है ऐसे ही भूत की कहानी ( bhoot ki kahani ) , भूतिया कहानी ( bhutiya kahani ) से सब में डर फैला देंगे । ऐसे ही horror stories अफवा फैला देंगे ।
अब से ऐसा ही करेंगे हम और अगले रात जब उन्हें रात को कोई नही मिलता तो वह उस हवेली में घुस जाते है उन चार साथियों में से एक चोर " किया दोस्तो कैसे गुजारा चलेगा "
तभी उनमे से एक डाकू कहता है गाना बजाओ ना
एक अपनी मोबाइल निकाल के गाना बजाता है
बहुत हुआ इंतजार जरा पास आ जरा पास आ तेरे नैना करने लगे बातें यह तो है शरारते
वैसे ही गाना बंद हो जाता है और उस भूतिया हवेली में एक बुजर्ग आत्मा कहती है "बहुत दिन हो गए मास नहीं खाया अब मजा आयेगा"
फिर एक औरत की आत्मा कहती है "ठीक ससुर जी उसके साथ"
एक आत्मा जो कहता है " नहीं पिता जी इसमें से एक आत्मा का शरीर हमे काम आ जायेगा"
यहां से बाहर जाने के लिए हमारे पास ज्यादा समय भी नही है ना ।
अब कहानी को समझने के लिए में आपको बताता हु इसमें 7 आत्माए है एक बुजुर्ग और दो भाई की और उनमें से एक भाई की शादी हो गई थी और उनके दो बच्चे थे और एक नौकर की आत्मा और एक परिवार का सदस्य जो बच गया था वह बुजर्ग व्यक्ति का भाई था वह अभी पागल है जो यहां वहा घूम रहा है ।
एक किसान देर रात से अपनी खेती के रखवाली कर रहा था क्युकी उसके खेत में काफी चोरी हो रही थी
तो जब वह वहा से गुजरता है तो उससे काफी देर हो जाती है और वह सोचता है हवेली के रास्ते से चला जाता हु मगर शायद यह उसका काफी गलत फैसला था वह जैसे आगे बढ़ता चार डाकू उसे लूट के मार देते है और गांव में अफवा फैलाते है की यह काम उस भूतिया हवेली के आत्माओं का है इससे उस भूतिया हवेली का खौफ और बढ़ जाता है
और यह चार डाकू सोचते है ऐसे ही भूत की कहानी ( bhoot ki kahani ) , भूतिया कहानी ( bhutiya kahani ) से सब में डर फैला देंगे । ऐसे ही horror stories अफवा फैला देंगे ।
अब से ऐसा ही करेंगे हम और अगले रात जब उन्हें रात को कोई नही मिलता तो वह उस हवेली में घुस जाते है उन चार साथियों में से एक चोर " किया दोस्तो कैसे गुजारा चलेगा "
तभी उनमे से एक डाकू कहता है गाना बजाओ ना
एक अपनी मोबाइल निकाल के गाना बजाता है
बहुत हुआ इंतजार जरा पास आ जरा पास आ तेरे नैना करने लगे बातें यह तो है शरारते
वैसे ही गाना बंद हो जाता है और उस भूतिया हवेली में एक बुजर्ग आत्मा कहती है "बहुत दिन हो गए मास नहीं खाया अब मजा आयेगा"
फिर एक औरत की आत्मा कहती है "ठीक ससुर जी उसके साथ"
एक आत्मा जो कहता है " नहीं पिता जी इसमें से एक आत्मा का शरीर हमे काम आ जायेगा"
यहां से बाहर जाने के लिए हमारे पास ज्यादा समय भी नही है ना ।
अब कहानी को समझने के लिए में आपको बताता हु इसमें 7 आत्माए है एक बुजुर्ग और दो भाई की और उनमें से एक भाई की शादी हो गई थी और उनके दो बच्चे थे और एक नौकर की आत्मा और एक परिवार का सदस्य जो बच गया था वह बुजर्ग व्यक्ति का भाई था वह अभी पागल है जो यहां वहा घूम रहा है ।
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अब कहानी में
तो वह कहता है "हमारे पास ज्यादा समय नहीं है हमे उस व्यक्ति को ढूंढना होगा"
वह आत्मा जिसने यह विचार दिया उसका नाम सुयेश था और उन डाकू में से एक व्यक्ति को छोड़ के सब को मार देते है और मजे से मास खाते है ।
और सुयेश उसके शरीर में चला जाता है और उस भूतिया हवेली से निकलने से कामयाब रहता है और कहता है में जल्द लौटूंगा ।
अब सुयेश ( सोचता है ) "हमे मुक्ति नहीं मिली तो हम पूरी जीवन यही काटनी होगी हमे उस व्यक्ति को जल्द से जल्द पता लगाना होगा "
अब वह गांव में लोगो से उस व्यक्ति नाम बता के पूछता है जिसे वह ढूंढ रहा था जिसका नाम राजीव था
और पता लगाता है तो उसे मालूम चलता है की वह गांव छोड़ के चला गया मगर इस गांव के साल में बड़े मेले में आएगा वह यह सब पता लगा के हवेली में आता है
कहता है वह इस गांव के मेले में आएगा बुजुर्ग आत्मा बताती है ठीक है अब समय दूर नहीं बेटा चिंता मत करो वैसे ही मारंगे उसे ।
अब राजीव गांव में आता है और सभी लोग से मिलता है और गांव की जानकारी लेता है किया चल रहा है गांव किया नही वह काफी अमीर हो गया था पहले वह एक छोटा व्यापारी था ।
गांव के मेले में सुयेश आता और सारी आत्मा भी उसी डाकू के शरीर में
एक डाकू के शरीर में 7 आत्माए वह राजीव आराम से एक जगह बैठ के मेला देख रहा होता है गांव के लोग सब व्यस्त थे इधर उधर और सुयेश सभी के सामने उस राजीव को जला के मार देता है और वह बताता है कि किया हुआ था उस हवेली में और किया राज है उस भूतिया हवेली ( bhutiya haveli ) का ।
सुबह का समय था सब लोग व्यस्त थे अपने दिनचर्या में हमे पता लगा कि एक व्यक्ति बाहर से दवाई ला रहा है जो गांव की खेती के लिए काफी फायदेमंद है
अब कहानी में
तो वह कहता है "हमारे पास ज्यादा समय नहीं है हमे उस व्यक्ति को ढूंढना होगा"
वह आत्मा जिसने यह विचार दिया उसका नाम सुयेश था और उन डाकू में से एक व्यक्ति को छोड़ के सब को मार देते है और मजे से मास खाते है ।
और सुयेश उसके शरीर में चला जाता है और उस भूतिया हवेली से निकलने से कामयाब रहता है और कहता है में जल्द लौटूंगा ।
अब सुयेश ( सोचता है ) "हमे मुक्ति नहीं मिली तो हम पूरी जीवन यही काटनी होगी हमे उस व्यक्ति को जल्द से जल्द पता लगाना होगा "
अब वह गांव में लोगो से उस व्यक्ति नाम बता के पूछता है जिसे वह ढूंढ रहा था जिसका नाम राजीव था
और पता लगाता है तो उसे मालूम चलता है की वह गांव छोड़ के चला गया मगर इस गांव के साल में बड़े मेले में आएगा वह यह सब पता लगा के हवेली में आता है
कहता है वह इस गांव के मेले में आएगा बुजुर्ग आत्मा बताती है ठीक है अब समय दूर नहीं बेटा चिंता मत करो वैसे ही मारंगे उसे ।
अब राजीव गांव में आता है और सभी लोग से मिलता है और गांव की जानकारी लेता है किया चल रहा है गांव किया नही वह काफी अमीर हो गया था पहले वह एक छोटा व्यापारी था ।
गांव के मेले में सुयेश आता और सारी आत्मा भी उसी डाकू के शरीर में
एक डाकू के शरीर में 7 आत्माए वह राजीव आराम से एक जगह बैठ के मेला देख रहा होता है गांव के लोग सब व्यस्त थे इधर उधर और सुयेश सभी के सामने उस राजीव को जला के मार देता है और वह बताता है कि किया हुआ था उस हवेली में और किया राज है उस भूतिया हवेली ( bhutiya haveli ) का ।
सुबह का समय था सब लोग व्यस्त थे अपने दिनचर्या में हमे पता लगा कि एक व्यक्ति बाहर से दवाई ला रहा है जो गांव की खेती के लिए काफी फायदेमंद है
मगर हम गलत थे वह बस रासायनिक तत्व थे जिन से फसल और बर्बाद हो जाती तो जो गांव ने पैसे दिए थे जोड के उस दवाई के लिए हम उन्हे बताने जा रहे थे मगर शाम होते ही हमारे घर के बच्चे रोने लगे जैसे कुछ बुरा होने वाला है और उनकी मां उन्हें चुप कराती क्युकी हमने बहस की थी छोटे व्यापारी राजीव से और धमकी भी दी ऐसा ना करे ।
यह तुम सब यहां नहीं कर सकते हमने रोकने की कोशिश की मगर उसने रात होते ही हमे आग लगा के मार दिया । हमने किसी तरह आपको तो बचा लिया मगर खुद को नहीं बचा सके , और उसको हमने आपने गांव से तो भागा दिया मगर वह रासायनिक तत्व दूसरे गांव में बेच के अमीर हो गया और वहा के गांव बर्बाद हो गए ।
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अब गांव के लोगो को यह मालूम चलता है तो काफी निराश होते है की हमने पता करने की कोशिश भी नहीं की बस यही सोचते रहे बस एक घटना है
अब वह सारी आत्माए एक- एक कर के उस डाकू के शरीर से निकलती है और धीरे धीरे सब को मुक्ति मिल जाती है मगर सुयेश आखरी समय में उस डाकू को मार देता है।
यहां तक भूतिया हवेली ( bhutiya haveli ) की कहानी पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद आशा है कि आपको यह भूतिया कहानी
अब गांव के लोगो को यह मालूम चलता है तो काफी निराश होते है की हमने पता करने की कोशिश भी नहीं की बस यही सोचते रहे बस एक घटना है
अब वह सारी आत्माए एक- एक कर के उस डाकू के शरीर से निकलती है और धीरे धीरे सब को मुक्ति मिल जाती है मगर सुयेश आखरी समय में उस डाकू को मार देता है।
यहां तक भूतिया हवेली ( bhutiya haveli ) की कहानी पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद आशा है कि आपको यह भूतिया कहानी
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