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अनपढ़ भाई : छोटे भाई ने की मदद | moral story in hindi


अनपढ़ भाई : छोटे भाई ने की मदद | moral story in hindi


                              अनपढ़ भाई



moral story in hindi



यह hindi moral story है 
कहानी की सुरवात किशनगंज से होती है
इस गांव में एक रिक्शा चालक जो आज सुबह- सुबह बहुत हरबरी में है आज 
क्योंकि उसका छोटा भाई आज शहर से पढ़ाई पूरी कर के आ रहा है ।


वोह आज बहुत ही ज्यादा खुश था क्योंकि वह बचपन से ज्यादा समय अकेला ही रहा था ।

उसका छोटा भाई पढ़ने में भी ठीक था मगर रिक्शा चालक जिसका नाम हरी है उससे बचपन से ही पढ़ाई का डर था।

और वह  सही से पढ़ भी नही पता था और ना ही उसकी इच्छा थी पढ़ने की तो वह अपने पिता जी के साथ काम करने लगा और रिक्शा चालक बन गया ।

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उसका छोटा भाई शुभम भी खुश था इतने दिन बाद बड़े भाई से मिल के , तो जैसे ही वह घर पे आते है एक साहूकार हरी से कहता हैं की


साहूकार :- किया हरी कब पैसे वापस करोगे तुम तुम्हारे ऊपर 2 लाख से ज्यादा ब्याज हो गया है , जल्द से जल्द मुझे पैसे मिल जाने चाहिए नही तो तेरे घर को कब्जे में ले लूंगा समझ आई बात ,


ये सुनकर सुभम बोला भैया ये कैसे पैसे मांग रहा है और आपके पास इतना कर्ज कैसे हुआ ।

हरी : मेने घर की मरम्मत और तुम्हारे पढ़ाई के लिए एक लाख रूप लिए थे और ये अब इतने पैसे मांग रहा है


सुभम  : अच्छा भईया ये आपको लूट रहा है पूरी तरह से 

 हम कल ही जाएंगे पुलिस स्टेशन और इस साहूकार की  शिकायत करेंगे ,


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दोनो भाई पुलिस स्टेशन जाते है और साहूकार को बुलाया जाता है और वो कबूल कर लेता है की
moral story in hindi


साहूकार : मुझे लगा ये हरी अनपढ़ है और में जितने चाहिए उतने पैसे ले सकता हु मगर कल इसका भाई सुभम आया और ये पढ़ा लिखा है



साहूकार पुलिस अधिकारी से बोला मुझे ब्याज नही चाहिए आप बस मेरे पैसे दिलवा दो


और इस घटना के बाद शुभम अपने भैया को ऑटो रिक्शा खरीद के देता है 

की मेरे भाई के पैरो में अब दर्द न हो रिक्शा चलाते चलाते ।
और अब शुभम ने अपने बड़े भाई को पढ़ाया की कैस बियाज़ जोड़ा जाता है और कैसे साहूकार की बजाय अगर बैंक से कर्ज ले तो उन्हे कोई लूट नही सकेगा ।


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Moral of the stories:-

इस कहानी से हम सीखते है की अगर हरी ने बचपन में पढ़ाई कर ली होती तो आज ये हालत नही होती

जीवन में शिक्षा के मायने है और ये कब और कैसे बचा ले कोई नही कह सकता

तो मन लगा के पढ़ाई कीजिए।
यह moral story आपको अच्छी लगी हो आशा करते है धन्यवाद ! 

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